इसलिए लड़के रोते नहीं।
इसलिए लड़के रोते नहीं।
परिवार का जिम्मा जिनके सर पर
अक्सर वाहक होता है
मान और सम्मान का आश्रय
जिनके कंधों पर होता है।
अपना सारा चैन छोड़ जो
अपनों की मुस्कान को रखता है
सोचों सबको हिम्मत देने वाला
आखिर कैसे रो सकता है।
परिवार की ख़ुशियाँ चाहने वाले
चाहे कितने कष्ट हमें हो
हम रात को अक्सर सोते नहीं
इसलिए लड़के रोते नहीं।
एक बड़ी सी दुनिया में
हमारा एक छोटा सा परिवार है
चाहे कितनी भी मुश्किल हो
हम रखते उन्हें दरकिनार हैं।
सारे सामाजिक ऊँच-नीच से
जो अपनों की रक्षा करता है
सोचो सबका एक सहारा
आखिर कैसे रो सकता है।
सुख दुख में साथ निभाने वाले
चाहे कितना भी दर्द हमें हो
हम अवसाद पनपने देते नहीं
इसलिए लड़के रोते नहीं।
