उछल कूद
उछल कूद
उछल-कूद बचपन में
अच्छा लगता जीवन का
अनुराग,!!
बच्चा अच्छा लगता
उछल कूद बढ़ते यौवन
का,बाल्य काल आनन्द
अविरल अविराम!!
उत्साह, उमंग, उछल-कूद
सम भाव उछल-कूद वानर में,
नर प्रदुर्भाव नारायण-भक्ति,
आशक्ति, उछल-कूद अभिराम!!
सत्यार्थ: जाहि विधि राखे
राम, ताहि विधि रहिए
राम, नारायण, सच, नीति,
नियत की डोर नर, नारायण
की पुतली, कठपुतली समान!!
उछल-कूद आवश्यक
जीवनोत्सव,उत्साह
अभिनन्दन सत्य साक्ष्य,
उछल-कूद समय, काल
उछाह!!
मांग, परिस्थिति हर्ष,
हृदय-वन्दन है उछल-कूद
वैसे तो वानर व्यवहार,!!
विज्ञान विकसित नर
वर्तमान, काया बदल
गई, पर सीमित सुसुप्त
नर में बानर संस्कृत
स्वभाव!!
अवसर पर परिलक्षित होते,
नर में बानर प्रभाव उछल-कूद,
प्रसन्न अन्तर्मन, प्रकृति प्रभाव!!
उछल-कूद,नर विवशता
का भी साक्षात् सद्कर्मों का
नर रूप,बहुरूपिया नर बन
करता स्वांग!!
उछल-कूद भी लाचारी,
नर का बानर चरित्र-चाल!!
- नंदलाल मणि त्रिपाठी, पीतांबर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश!!
