"सर्दी का आगमन"
"सर्दी का आगमन"


दे कर आगमन दिसंबर ने हर ओर सर्दी की चादर फैलाई है।
आ गई गुलाबी ठंड पत्तों पे भी ओस की नमी की बूंदें छाई है।।
चाय कॉफी और गरम सूप ने घर-घर धूम मचाई है।
चिक्की-सांग और बाजरे की तैयारी भी हो आई है।।
पंखे कूलर और एसी छोड़ सबने हीटर की तैयारी करवाई है।
चादर को कर दिया किनारे रजाई और कंबल के स्वागत की बारी आई है।।
धूप लगे अब सबको प्यारी ठंडी हवा से जान बचाई है।
कर ली सब ने किचन से यारी नई-नई रोज पकवान बनाई हैं।।
स्वेटर टोपी और मोजों ने अपनी हुकूमत सब पर चलाई है।
टाटा बाय-बाय कर दिया ठंडा पानी, गरम दूध और गुड़ की महक आई है।।