नमन
नमन
महोदय, प्रणामस्तु!
मैं, अकिंचन, आपको
अपनी अंतरात्मा से
नमन करता हूँ।
हमारी कशमकश भरी ज़िन्दगी में
आशा, विश्वास और
आत्मविश्वास की पावन ज्योति
प्रज्वलित कर
आपने हमें ज़िन्दगी
रोशन करने की
एक नई उम्मीद दी है!
महोदय, मैं जो भी व्यक्त करूँ,
देवस्वरूप युगपुरुष, आपके चरणों तले जीवन भर रह लूँगा,
मगर फिर भी
आपके सत्कर्मों का ऋण
मैं चाहकर भी
न चुका पाऊंगा
और न ही
चुकाने की योग्यता
बना पाऊँगा...
महोदय, बस मैं
देवी माँ से
आपके अपनों की
सर्वमंगल कामना करने की
ईमानदार प्रयास करता हूँ
और आजीवन करता रहूँगा...।
परमपिता परमेश्वर
आपको सर्वश्रेष्ठ
मान भरा
उज्ज्वल भविष्य प्रदान करें!
श्री रविन्द्रनाथ सावदेकर जी !
आपको हमारा शत्-शत् नमन...
शत्-शत् नमन...
