ऋतुओं में तुम श्रेष्ठ कहलाते हो पशु पक्षियों के संग खेलते हो क्या काम है तुम्हारा पूछते है हम तुम... ऋतुओं में तुम श्रेष्ठ कहलाते हो पशु पक्षियों के संग खेलते हो क्या काम है तुम्ह...
बहुत छोटी है न तेरी ये ज़िन्दगी बहुत छोटी है न तेरी ये ज़िन्दगी
मैं जानना चाहता था कवि की कल्पना को मैं जानना चाहता था कवि की कल्पना को
अभी मस्त हो खेल कूद में बाद में तुम पछताओगे । अभी मस्त हो खेल कूद में बाद में तुम पछताओगे ।
मेरे जिस्म से रूह तक, उसका ही साया था.... मेरी शर्मीली और मैं उसका सरमाया था.... मेरे जिस्म से रूह तक, उसका ही साया था.... मेरी शर्मीली और मैं उसका सरमा...
ज़माने की चकाचौंध ने अंधा किया है आज भरोसे का कोहिनूर टूट गया है ज़माने की चकाचौंध ने अंधा किया है आज भरोसे का कोहिनूर टूट गया है