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डॉ. प्रदीप कुमार

Action

4  

डॉ. प्रदीप कुमार

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कौन आएगा?

कौन आएगा?

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दिल की उलझनें सुलझाने कौन आएगा?

रूठ अगर जाऊं मैं, 

मनाने कौन आएगा?

नहीं किसी को कदर 

मेरी, न कोई फिकर, 

सो गया जो अभी, 

जगाने कौन आएगा? 

कुछ ही बरस हुए अभी आंख खोले हुए, 

दिमाग की बत्ती गुल-सी है, 

जलाने कौन आएगा? 

मन बुद्ध होना चाहे, 

ज्ञान-चक्षु खुलना चाहे, 

कोई कह दे तथा-अस्तु, 

हो जाऊं मैं भी अरस्तू। 

फिर न कोई अभिमान रहेगा, 

सत्य है जो मुख वही कहेगा, 

चिंता न होगी फिर कभी स्वयं की, 

चिंता जब होगी वसुधैव कुटुंबकम् की।


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