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Roli Abhilasha

Abstract

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Roli Abhilasha

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तू मिले बस मुझे

तू मिले बस मुझे

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जब तू सीने से लगा लेती है

दर्द भी मुस्करा उठता है

माथे पर हाथ जो रख दे

हर अंगारा धुंआ हो जाता है।


मंदिर, शिवाले नहीं घूमे मैंने

मस्जिद, दरगाह नहीं देखी है कभी

क्या कलमा है, क्या ज़ियारत है मुझे

न तेरे सिवा कुछ याद रखा।


मिल जाए तू रात के सिरहाने मुझे

नींद ख़्वाबों में तमाम हो मेरी

सुबह की आस में मेरी हो तू

बस तुझे देखकर जी भर मैं चलूं।


अपनी ममता का हाथ सर पर तू रख

जीवन हर पल में मन भर मैं जियूं।


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