तू मेरी नहीं है
तू मेरी नहीं है
मैंने मान लिया तुझको
तू मेरी नहीं है
जो बात कही तुझसे वो मेरी नहीं है
क्या मजबूरी, क्यों है दूरी
आज तू हो के भी बस मेरी नहीं है
दर्द मिले मुझको, सारे गम भी साथ रहे
दुनिया वालों के दिए दर्द भी साथ रहे
तूने छोड़ दिया दामन मेरा, मुझे कर दिया अकेला
अब पास तू आए, गले से लगाए ये जरूरी नहीं है
तुझको अपना सब सौंप दिया
जो भी था वो लूट लिया
कैसे चले सांसे ,कैसे धड़क उठे
अब दिल में जीने के लिए बचा ही नहीं है
चल तुझे जमाने से दूर ले जायें
दूर आसमां में जा के एक नया घर बसायें
बस तू और मैं ही हो
कोई दूसरा बीच में आए ये जरूरी नहीं है