तुमको ही ढूंढ़ता हूँ
तुमको ही ढूंढ़ता हूँ
लडू में बेशक़ तुमसे मुसलसल हर दिन !
मेरी बंदी दे तुमको ही ढूढ़ती है !
दूर भी जायूँ अगर तुमसे मैं !
तुमसे जोड़े जो गली मुझे ऐसी गालिया मैं ढूंढ़ता हूँ !
बिछड़ने की लाख कोशिश की मैंने तुमसे !
बिछड़ ना सका तुमसे हर रहा में तुमको ही ढूंढ़ता हूँ !
रकीब की बातों में आ गयी तुम बिछड़ना चाहा तुमने मुझसे !
दिल नहीं माना मिल सके फिरसे किस तरह यादो में तुमको ही ढूंढ़ता हूँ !
रुसवा की बेदर्दी से कलमकार की उल्फत !
आखरी साँसें भी मेरी अलविदा से पहले तुमको ही ढूंढ़ता हूँ !