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Anita Mishra

Romance

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Anita Mishra

Romance

तुम्हेँ चाहा

तुम्हेँ चाहा

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मन आत्मा की गहराई से तुझे ही चाहा,

तेरी चाहत को अपनी साँसों में ढाला ,

धड़कन बनकर ,मेरे साथ हो तुम ।


जब भी उदास होती हूँ,

तेरी तस्वीर से दो बातें कर लेती हूँ,

कितना सुकून और चैन मिलता है ,

तुम नहीं समझोगे?


आहट होती हैं साया सा दिखता ,

आ गए तुम कदम चल पड़ते हैं ,

भाग कर जाना चाहती हूँ, 

लिपट कर सारी दूरियाँ ,

मिटा देना चाहती हूँ,

जो इतने दिनों से,

तुम्हारे इन्तजार में काटी है,

विरह की रातें ।


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