STORYMIRROR

Anand Mishra

Romance

4  

Anand Mishra

Romance

तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

1 min
285

ये जो तेरी याद का भ्रमर गुंजन कर रहा है

ये मुझमे अब भी प्रेम का सर्जन कर रहा है


उदित ये सूर्य मन को चेतता है

किन्तु यह सोम मन-मर्दन कर रहा है


तुम्हारे हास पर मन उल्लसित होता रहा था

पर इस परिहास पर, टूट क्रन्दन कर रहा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance