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Anand Mishra

Romance

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Anand Mishra

Romance

तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

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ये जो तेरी याद का भ्रमर गुंजन कर रहा है

ये मुझमे अब भी प्रेम का सर्जन कर रहा है


उदित ये सूर्य मन को चेतता है

किन्तु यह सोम मन-मर्दन कर रहा है


तुम्हारे हास पर मन उल्लसित होता रहा था

पर इस परिहास पर, टूट क्रन्दन कर रहा है।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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