तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
सुनो.. जब भी हमें तुम्हारी याद आती है
बहुत याद आती है
आँखों में जज़्बात के सैलाब उमड़ पड़ते हैं!
आँखें छुपा नहीं पातीं हैं राज़ दिल के
उतरा चेहरा, उदास आँखें
हाल ए दिल बयां कर देते हैं !
बहुत मुश्किल होता है बहलाना दिल को!
सुनो! मुसाफिर !
जब इश्क़ की राह में
कदम रख ही दिया है,,,
तो इसके कुछ,,,
अदब भी सीख लो!
तुम्हारी.. बेरुखी से
हमारी जान पर बन आती है!