तुम्हारी भाभी मिल गई
तुम्हारी भाभी मिल गई
ढोल बजाओ , बजाओ शहनाइयां ।
घर मे बजाओ आज बधाईया ।
हर मुरझाई कली आज खिल गई ।
यारो , तुम्हारी भाभी मिल गई ।
कितनी ज्यादा हसीन है तुम्हारी भाभी
खोलदी जिसने तुम्हारे यार की किस्मत की चाबी
शादी में आने की अब करलो तैयारी
हो भाभी मिल गई तुम्हारी
मैं तो अब घोड़ी चढ़ूंगा
मांग में सिंदूर भरूँगा
दूल्हा बन मैं नखरे दिखाऊंगा
दुल्हन मैं घर में लाऊंगा
किसी परी के जैसी है
पल में दिवाना करले , मेरी महबूबा ऐसी है
तुम्हारे भाई के नाम से मिठाई बांटी जाएगी
अरे तुम्हारी भाभी घर मे आएगी ।
किसी को मंगल सूत्र पहनाकर
अपने नाम का सिंदूर लगाकर
मैं सारे रीति - रिवाज करूँगा
मैं घोड़ी चढ़ूंगा , रे मैं घोड़ी चढ़ूंगा
मेरे दिल की रानी मिल गई
तुम्हारी भाभी मिल गई
मेरे भतीजो की चाची मिल गई
तुम्हारी भाभी मिल गई ।