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Romance

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तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा

तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा

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हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है

यह नशा वही है,जो शाकिया को मिलता है शराब में

और दिलजलो को मिलता है पलक झपकते ख़्वाब में

तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है..

हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा है

हर सुबह पहली किरण,बन तू मुझसे रूबरू होती है

जैसे है तू कोई दुआ मेरी और मेरे सजदे का तू गुरूर है

तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा है..

हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है

एक झलक तुझे देखने का मुझमे कुछ यूं सुरूर है..

जैसे है तू क

ोई हूर-परी और मेरे सजदे का छुपा कोहिनूर है

तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है..

हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है

सांझ ढलते ही सिमट जाता है यह शमां

एक तू है जो बिखरने लगती है बन चांदनी की छटा

तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है..

हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा है

चाँद सी शीतल बन मेरे जहन को सुकून दे जाती है

जब तेरी आवाज मेरे कानो मे गीत गुनगनाती है

तुम्हारी आँखों में गजब सा नशा है..

हाँ मैने कहा तुम्हारी आँखों मे गजब सा नशा है


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