जीवन-एक संघर्ष
जीवन-एक संघर्ष


सुख की तलाश ना कर,
जीवन भरा है संघर्षों से।
नामुमकिन यहाँ कुछ भी नहीं
लेकिन सुर्ख होना है खुद से।
मायाजाल के इस डगर से
सकुशल निकल पाना मुश्किल है।
मत हारना तू हिम्मत ए पथिक
हर पल भरा है जोखिम से।
इन्सानी फितरत है
उठ कर गिरना,गिर के उठना।
फिर भला क्यों हिम्मत हारे है
चल उठ खड़ा हो तान के सीना
यह धरती माँ तुझसे कुछ मांगे है।
कर सतत प्रयास तू जीवन में
सफलता तेरे कदमों को चुमेगी ।
लाख बाधा आये तेरे जीवन में
हौसलों के समक्ष नतमस्तक होगी।
छाती चीर कर तू अपना परचम फिर लहरायेगा
छाती चीर कर तू अपना परचम फिर लहरायेगा
गर ना हारी हिम्मत तूने हिम्मत
तो तू भी वही महान सिकन्दर कहलायेगा
तू भी वही महान सिकन्दर कहलायेगा।।