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Preeti Rathore

Romance Fantasy

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Preeti Rathore

Romance Fantasy

तुम्हारा साथ

तुम्हारा साथ

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हां मैं फिर से टूटना चाहती हूँ

हां मैं फिर से तुम से मोहब्बत करना चाहती हूँ

तुम्हारी इरेटेटिंग बातों से लेकर

तुम्हारी वो मेरे लिए लिखी

शायरीयों को सुनना चाहती हूँ

एक बार फिर सुबह की

गुड मार्निग से लेकर

गुड नाईट तक का सफर

तुम्हारे साथ चाहती हूँ

तुम्हारा गुस्सा मेरी खामोशियां

तुम्हारी परवाह मेरी नादानियां

तुम्हारा वो साथ चाहती हूँ

वो बारिश की गुस्ताखियां

वो सर्दियों की चाय की चुस्कियां

तुम्हारे साथ चाहती हूँ

जवानी के लड़कपन से लेकर

जीवन के अंतिम सफर तक

बस तुम्हारा साथ चाहती हूँ

नहीं चाहती बस तुम्हारा इस

सफर में मुझे यूँ अकेला छोड़ जाना

हां मैं फिर से टूटना चाहती हूँ

हां मैं फिर से तुम से मोहब्बत करना चाहती हूँ



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