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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Inspirational

तुम्हारा साथ

तुम्हारा साथ

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इस जिंदगी में बस तुम्हारा साथ ही काफी है,

मेरे इन हाथों में तेरा हाथ ही काफी है।

तुम मुझसे दूर हो या हो पास मगर कोई बात नहीं है,

तुम मेरे साथ हो यह एहसास ही काफी है।


लड़ते भी रहते हैं, हँसते भी रहते है,

पर हम हैं साथ- साथ यही काफी हैं।

मेरे दर्द का तेरे दिल में ,अहसास ही तो है,

जिंदा रहने को तेरा एतबार ही काफी है।


कहने से तो जज्बात ही बिखर जाते हैं,

तेरा प्यार बिन ये अल्फ़ाज ही काफी है।

हवाओं से भी तू मेरी खबर सा रखता हैं,

खुशबुओं सा ये नर्म अहसास ही काफी है।


नजर से नजर मिल जाए तो तुमसे हमारी,

यही इतेफ़ाक जिंदगी में ही काफी है ।

 कुछ ना चाहिए इस दुनिया से हमें,

बस एक तेरा साथ ही काफी है।


झुर्रियों भरे ये जो हम दोनों के चेहरे है,

कहते बीती यादों की बात ही काफी है।

काले बालों में दिखते ये चांदी के तार,

बुढ़ापे में तेरा ये मेरा साथ ही काफी है।


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