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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Romance

तुम्हारा प्रेम।

तुम्हारा प्रेम।

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तुम जब आये थे मेरी इस दुनिया में,

तो लगा था कि अजनबी हो तुम।


अचानक से तुम्हारा आना इस तरह,

बैचैन कर गया इस दिल की धड़कन को।


मन में उठी हुई मीठी झंकार की खनक,

अब तक है गुंजायमान हृदय के कम्पन में।


तुम्हारे आँसुओ में ऊपर वाले का दुख झलकता है,

तुम्हारी हँसी में इस ब्रह्मांड मे सूर्य उगता हुआ नजर आता है।


तुम मेरे प्रथम प्रेम और आखिरी सांस की डोर हो,

मेरे अंधेरे जीवन में जो उजाला लाए तुम वह भोर हो।



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