तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा
तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा
तुम्हारा वो मुस्कुराता चेहरा
कितना याद आता है
तुम्हारा मुझे प्यार करना दुलारना
कोई मेरी शिकायत करे उस पर तुम्हारा दुखी हो जाना
अपने हाथों से मुझे सजाना, संवारना
हर वक्त मेरी मुस्कुराहटों खुशियों की दुआ करना
मेरे ऊपर जब गमों का पहाड़ टूटा उम्र के उस पड़ाव पर
होने के बावजूद मेरा सहारा बन मुझे संभलना मेरा संबल बनना
अपनी आखिरी सांस तक मुझे अपने आशीर्वचनों से नवाजना,
बहुत याद आती है तुम्हारी
तुम्हें शब्दों में बयां कर सकूं इतनी क्षमता मुझमें कहां
तुम्हारी शख़्सियत को लिखूं जिससे कोई ऐसा शब्द कहां
आंखों से निकलते अश्रुओं की अविरल धारा तुम्हें बुलाती है
आ जाओ हमें अपनी गोद में ले दुनिया से छुपा लो अपने आंचल में।।
क्यों गई , गई तो हमें साथ क्यों नहीं ले गई,
सपने में भी नहीं आती ऐसी क्या नाराज़गी हमसे,
जाने अनजाने हुई गलतियों की माफी मांगता दिल तुमसे आजी(दादी)।।
