तुम्हारा चेहरा
तुम्हारा चेहरा
निंद खुलते ही चाहता हूं
पास होना तुम्हारा
जाने क्यों लगता है
खास है तुम्हारा चेहरा
दूर अगर होती हो
डर नही लगता अब
याद करता हूँ तुम्हारा चेहरा
भाग जाता है डर तब
अकेलेपणसे लगता है
खाली खाली जिवन
सामने लाता हू तुम्हारा चेहरा
खूश होता है फिर मन
खुशियो की दस्तक होती है
हंसी की होती है फुआर
याद आता है तुम्हारा चेहरा
हो जाते फिरसे चलने को तैयार।
