तुम्हार एहसास
तुम्हार एहसास
हां मुझे एहसास है तुम्हारे होने का
तुम्हारे हाथों की गर्माहट का
चाहे तुम दूर हो
पर पास मेरे सदा होते हो....
तुम्हारे शब्द आज भी
मेरे कानों में रस सा घोल देते हैं
आज भी मैं तुम्हारे दिल की ,
धड़कनों को सुन लेती हूं.......
तुम्हारे हाथों से सवारी मेरी जुल्फें,
आज भी मेरे साथ खेलती हैं
तुम्हारा हाथ में अपने चेहरे पर महसूस करती हूं
मुझे आज भी याद है
तुम्हारे बाहों की गर्माहट,
जिसमें में सिमट जाती थी,
छुप जाती थी तुम्हारे सीने में
हां मुझे एहसास है तुम्हारे होने का....
आज भी तुम्हारे कदमों,
के निशान पर अपने कदम रख कर चलती हूं
पर बहुत हुई आंख मिचौली
अब मेरी आंखे तुम्हे देखने को तरसती है
अब तुम जल्दी आ जाना
बहुत की सरहदों की रक्षा
अब आ कर मेरी गोद में,
थोड़ा सुकून तुम भी लेना
पर अब तुम जल्दी आ जाना।

