तुम समझ लेना
तुम समझ लेना
संसार में कहीं अन्यत्र तुमसे दूर...
अकस्मात हमारे हृदय की गति तेज हो जाये..
मन अपने आप हर्षा उठे और हमारे होंठों पर यकायक
मुस्कुराहट अपनी जगह बना ले ....
हमारे बेचैन हृदय की पुकार...
आसमानों को नापती हुई, मीलों दूरी पर तुम्हें सुनाई दे....
हमारी गहरी स्याह सी रातों में ...
सच होने की उम्मीद में तेरा ख़्वाब हमें दिखाई दे ....
संसार के किसी कोने में आंखों से बहे वो मोती...
जब मेरे गालों पर भी दिखाई दे...
तुम्हारे बदन पर लगे जख्मों का दर्द...
हमारे हृदय को द्रवित कर दे ...
तुम समझ लेना, " मैं तुम्हारे प्रेम में हूं।"
तुम मुझे सदैव अपने प्रेम में पड़े रहने देना ताकि...
आजीवन तुमसे प्रेम करने का सम्मान मैं पा सकूं और..
गर्व से तुम्हारी नजरों में देख कर कह सकूँ "मैं तुम्हारे प्रेम में हूं।"

