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Kanchan Kushwaha

Abstract Romance

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Kanchan Kushwaha

Abstract Romance

पुकारता है दिल तुम्हें

पुकारता है दिल तुम्हें

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पुकारता है दिल

तुम्हें, तुम्हारे पास रह कर ही

गुम हुए हो तुम कही

मेरे पास रह कर भी !


तुम्हें एहसास नहीं है प्रियतम

तुमने क्या खोया है !

दिए तुम्हारे खामोश दर्द से

मेरा दिल भी बहुत रोया है !


जैसे पढ़ती हूं तेरी खामोशी

तुझसे दूर होकर भी..!

समझा जरा सा तू भी मुझको

मेरे पास रह कर ही..!


हाल ए दिल खामोशी में

तड़प तड़प के रोया है..!!

तुम्हें एहसास नहीं है प्रियतम

तुमने क्या खोया है..!


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