तुम साथ रहो हरदम
तुम साथ रहो हरदम
कभी दर्द बन कर तो ,
कभी इजहार बन कर
हर पल हो जिंदगी में ,
कभी इनकार बनकर,
तो कभी इकरार बनकर ,
बस तेरा ही साथ चाहिए मुझे ,
कभी प्यार बनकर ,
तो कभी तकरार बनकर ,
तुम साथ हो तो,
मुकम्मल मेरी दुनिया हो जाए ,
हुरों से सजी जन्नत का दरबार बनकर ।

