तुम राहगुज़र हो ।
तुम राहगुज़र हो ।
तुम राहगुज़र हो तो क्या बात है
हर घड़ी तमन्ना से फिर मुलाकात है ।
है आसमा भी इस ज़मीन पर मेरा
और ज़मीन पर भी मेरे लम्हे साथ है ।
तुम राहगुज़र हो तो क्या बात है
सुबह की रोशनी से रोज़ मुलाकात है ।
है खिला खिला सा दिन भी मेरा
और हर रोज़ मेरी चाँदनी सी रात है ।
तुम राहगुज़र हो तो क्या बात है
दिल में सात सुरो का फिर नया राग है ।
है गुनगुनाता तार हर रोम रोम मेरा
अब नज़्म या गज़ल सब तेरी सौगात है
आपका अपना दोस्त तनहा शायर हूँ ।