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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

तुम मेरी ख़्वाब नहीं हकीक़त हो !

तुम मेरी ख़्वाब नहीं हकीक़त हो !

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हे ! प्रेयसी तुम मेरी ख़्वाब नहीं, हकीक़त हो ।

मुझे तुम्हें याद करने की जरूरत नहीं! 

क्यूंकि तुम अविस्मरणीय स्मरण बन के मुझे याद हो ।

मुझे तुम्हें साथ देने की जरूरत नहीं!

क्यूंकि तुम सदा मेरे साथ हो साये की तरह ।

तुम हमसे दूर कहाँ हो ? तुम बाहर भी नहीं हो ।

तुम तो मेरे अंदर अंतरात्मा बन मेरी आवाज़ हो ।

तुम कोई ख़्वाब नहीं ! तुम मेरी हकीक़त हो ।

तुम मेरी सपना नहीं !तुम तो मेरी अपना हो ।

मुझे तेरी जरूरत नहीं । तुम मेरी जरूरत हो ।

तुम मेरी साँस नहीं ,तुम मेरी धड़कन हो ।

जिसमें देखकर खुद को सँवारूं वैसी अनोखी दर्पण हो ।।


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