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Bhawna Kukreti Pandey

Tragedy

4  

Bhawna Kukreti Pandey

Tragedy

तुम लिखना

तुम लिखना

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सुना है

तुम लिखने लगे हो

लोग तुम्हे सराहने

भी लगे हैं।


ये भी सुना है

तुम सच्चाई को

बेलाग लिखने में

भी सहज हो।


पर अब

जाने क्यों लोग

मुझे तुम्हे पढ़ने को

कहते हैं


कहते हैं

तल्ख अनुभव से

लफ्जों को भी

निचोड़ ले

रहे हो।


सुनो

तुमने यह

लिखा है क्या

कि मुझ पर

अपनी तमाम नफ़रतें

उड़ेलने के बाद

तुम

किस कदर खुल के

मुस्कराए हो।


लिखना तुम,

मैं सब 

एक सांस में पढूंगी।


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