तुम कहो तो हम जागे
तुम कहो तो हम जागे
तुम कहो तो फिर हम जागे
मरे हुए जिंदगी में साँस डालें,
क्या करें हम तुम बिन जीकर
जहां कोई फूल खिल न पाए,
तुम कहो तो फिर हम जागे...!
क्या करूंगा सांस लेकर
जिन सांसों में खुशी न हो,
क्या करूंगा तारे गिनकर
जिन तारों में कशिश न हो,
तुम कहो तो फिर हम जागे...!
मेरे सामने एक पर्दा था
उस पर्दे पर तुम्हारा साया था,
वह साया पर्दे पर उतर कर भी
उस पर्दे पर न चल पाया था,
क्या कहूं कि साया पत्थर हो गया
मेरे सपनों में खोकर कठोर हो गया
तुम कहो तो फिर हम जागे...!!

