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VIVEK ROUSHAN

Romance

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VIVEK ROUSHAN

Romance

तुम जुदा हुई

तुम जुदा हुई

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तुम जुदा हुई

चैन, सुकून, नींद, ख्वाब

सब ले गई।


हम देखते रहें,

सोचते रहें

रोते-बिलखते रहें,

खुद से लड़ते रहें।


फिर भी न जाने क्यों

तुमसे ही प्यार करते रहे।


जब थोड़ा संभले तो

तुमसे हम नाराज़ हुए

नाराज़गी में तुम्हारे दिए तोहफों को

हमने तोड़ दिया।


तुम्हारी खूबसूरत तस्वीरों को

हमने फाड़ दिया

सोचा दिल को थोड़ा सुकून मिले।


मन को थोड़ा चैन आए

आँखों में नींद आए

और नींद में कुछ नए ख्वाब आए,


लेकिन मेरा और तुम्हारा

जो ताल्लुक था

उसका तो कुछ और ही सुलूक था।


कहाँ पहला प्यार का वो एहसास

महबूब की तस्वीरों को फाड़ने

और दिए गए तोहफों को तोड़ने से

फटता और टूटता है।


पहले प्यार का एहसास तो

रिश्तों के दरमियान आई

दूरियों से और बढ़ता है।


हम एक-एक कर के

साथ की सारी चीज़ों को

तोड़ते-फोड़ते रहे,


पर तुम्हारी यादों से

हम हमेशा लड़ते रहे

और अपने पहले प्यार के

एहसास को,


अपने दिल में सजाकर

आगे बढ़ते रहे।।


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