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तुम बिन

तुम बिन

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तुम बिन

अमावस रात है मेरी,

तुम बिन

पतझड़ सावन ।

तुम बिन

झूठी मुस्कान है मेरी,

तुम बिन

मन को न कुछ भावन ।

तुम बिन

तड़पती हर सांस मेरी,

तुम बिन

खनके न कंगन ।

तुम बिन

ज़िन्दगी कोरी है मेरी,

तुम बिन

फीके हर रंग ।

तुम बिन

तन्हा महफ़िल है मेरी,

तुम बिन

हर पल बेरंग ।

तुम बिन

सूखी नदिया है मेरी,

तुम बिन

भरे हैं नैन ।

तुम बिन

सूनी मांग है मेरी,

तुम बिन

सजे न बिंदिया ।

तुम बिन

रूठी किस्मत है मेरी,

तुम बिन

बजे न पायल ।

तुम बिन

उदास है मन की गली,

तुम बिन

कहीं न चैन ।

तुम बिन

सिमट गयीं पंखुड़ियां

तुम बिन

दिल है बेचैन ।






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