टूटना अच्छा है
टूटना अच्छा है
जिंदगी के सफर में पाना सब कुछ नहीं है
कुछ हासिल होना तो कुछ छूटना अच्छा है
कुछ रास्ते पार कराते हमें समंदर तो
कुछ सेतु का वहां अब टूटना अच्छा है।
रोज मीठे वचनों से हम दिलों को मनाते हैं
कुछ सीखेंगे मना लेना कुछ का रूठना अच्छा है
मुसाफिर हम राहों के आज यहां हैं कल नहीं
कुछ दिल जुड़ गए यहां कुछ का टूटना अच्छा है।
दाद देते हैं जो वफाओं की अपनी सब जग में
देखते जाओ उनको भी अभी लूटना अच्छा है
टूटकर से तो फिर जुड़ना सीखा है हर किसी ने
मत झुको हर बार गुरूर उनका टूटना अच्छा है।
अरे गिर गए हो तुम अब संभलना सीख लो
गिरकर आज तुम्हारा फिर उठना अच्छा है
मैं तो मुसाफिर निकलता भटकती राहों का
इन राहों का अब यहीं टूटना अच्छा है।