*शीर्षक :- तेरा अक्स।*
*शीर्षक :- तेरा अक्स।*
तेरा अक्स हमें अपनी निगाहों में सदा छुपाना,
तेरा अक्स हमें अपनी आँखों में सदैव बसाना।
तेरा अक्स वैसे तो आँखों में छिपाकर है रखना,
ये पूरी दुनिया जानी दुश्मन तो छिपाकर रखना।
तेरे अक्स का दीदार शीशे में अभी हमको होता,
तेरे अक्स को दिल के शीशे में क़ैद कर सकता।
तेरा अक्स निगाहों में गढ़ गया जाना कुछ ऐसा,
सामने हो कुछ भी दिखता ही हू-ब-हू तेरे जैसा।
जब-जब कोई हसीन चाँद सा मुखड़ा देखता हूँ,
तेरा अक्स ही सदा हर मुखड़े में देखा करता हूँ।
तेरा अक्स देखने वाले दीवाने ज़रूर होते होगें,
तेरी ख़ूबसूरती के कितने दीवाने सच्ची में होगें।