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Sandip Kumar Singh

Action

4  

Sandip Kumar Singh

Action

अल्फाज़

अल्फाज़

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अल्फाज़ ओं में मैंने सजा लिया है आपको,

प्यार बेशूमार लूटा दिया है आप पर।


सांसों के हर ताल पर तुम थिरकती हो,

जुगनू सा नैना बीच चमकती हो।


दूर तलक निगाह तलाशती रहती तुझे,

तूं सिर्फ़ तूं ही नहीं आखरी मंज़िल भी हो।


मेरे जीवन इम्तिहान के तुम फ़ल भी हो,

अगले कई जन्मों के लिए भी मधुर संगम हो।


तारों की टिमटिमाहट सी रौशनी हो,

जहां में मेरे सिर्फ़ ओ सिर्फ़ मेरे ही हो।


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