टूटन
टूटन
बिस्तर पे पसरी
चूड़ियों की टूटन संग
छितर जाते हैं हादसे
अधूरे से ख्वाब होते हैं।
कलाईयों पर सुर्ख़ निशान
चंद उंगलियों की धारियाँ
अनमनी सी कुछ यादें
और बेतरतीब हम।
बिस्तर पे पसरी
चूड़ियों की टूटन संग
छितर जाते हैं हादसे
अधूरे से ख्वाब होते हैं।
कलाईयों पर सुर्ख़ निशान
चंद उंगलियों की धारियाँ
अनमनी सी कुछ यादें
और बेतरतीब हम।