खुश रहो सदा, चाहे रहो, जहाँ कहीं। खुश रहो सदा, चाहे रहो, जहाँ कहीं।
भीख मांगी नहीं जाती इससे मेहनती है, आखिर मज़दूर है। भीख मांगी नहीं जाती इससे मेहनती है, आखिर मज़दूर है।
बाजार का रुख़ किया कुछ लेना था शायद भूल जाते हैं ना कुछ-कुछ कभी-कभी क्या लेना था बाजार का रुख़ किया कुछ लेना था शायद भूल जाते हैं ना कुछ-कुछ कभी-कभी क्या...
कभी तो वो दिन भी आएगा, जब आपको हम ही नहीं हमारा प्यार भी याद आएगा। कभी तो वो दिन भी आएगा, जब आपको हम ही नहीं हमारा प्यार भी याद आएगा।
अनमनी सी कुछ यादें और बेतरतीब हम। अनमनी सी कुछ यादें और बेतरतीब हम।
वो शक्ल बदल कर मिलता रहा वो शक्ल बदल कर मिलता रहा