अनमनी सी कुछ यादें और बेतरतीब हम। अनमनी सी कुछ यादें और बेतरतीब हम।
जहाँ दीवारों से सफेदी झड़ती थी पर अम्मा बाबू से न लड़ती थी। दादी की एक आवाज पर छह जन दौड़े आते थे... जहाँ दीवारों से सफेदी झड़ती थी पर अम्मा बाबू से न लड़ती थी। दादी की एक आवाज पर...
कंक्रीट के जंगल भी हर ओर उग गए हैं, जो हरियाली को निगल कर खुशियों का मातम मना रहे हैं कंक्रीट के जंगल भी हर ओर उग गए हैं, जो हरियाली को निगल कर खुशियों का मातम मन...