ठिठुरती मुस्कान
ठिठुरती मुस्कान
फुटपाथ पर बैठ चलो हम अपने हाथों को सेकें माँ
ठिठुरन भरी बेदर्द शीत की बेरहमी चल देखें माँ।
चिंता मत कर, न कर फिक्र तू, अपने लाल को लेके माँ
आत्मबल और सहनशीलता, चलो कितनी मुझमें देखें माँ।
मेरी मुस्कान पड़ेगी भारी, निष्ठुर सर्दी भी भागेगी।
तेरे आँचल की गर्मी से डरके, सर्दी भी ठंडक त्यागेगी।
माँ धरती के बालक हैं हम, उसकी भी ममता जागेगी
सड़क किनारे हमें देख ठिठुरता, उसके सूने दिल पे लागेगी।