STORYMIRROR

Babu Dhakar

Classics Inspirational

4  

Babu Dhakar

Classics Inspirational

टाईम अप

टाईम अप

1 min
208

टाइम इज अप

काम हुआ बहुत कम

गया टाइम ना आए सनम

बताओ तो अब क्या करें हम।


टाइम का ट्रेवल ना होता खत्म

हर एक अन्त में शुरू होता ट्रेलर 

क्या हुआ आंखें भर आईं सनम

बातों बातों में ही हो गया टाइम इज अप।


टाइम का लेवल अप

हमसें कुछ ना पुंछों प्रश्न

जवाबों में हो जाता टाइम वेस्ट 

टाइम पर ही मिलते हैं प्रश्नों के हल।


टाइम का टेबल ढलता है

टाइम का मैच फिक्स होता है

एक बजे के बाद दो बजा हैं

टाइम यह केवल आगे बढ़ता है।


टाइम पर काम ना हुआ

काश कोई तैयार ना हुआ

बस बहस में टाइम अप हुआ

अब अन्त में केवल गम हुआ।


टाइम की रोंग ट्रेनिंग से 

जीवन की क्रिकेट में

फेंकी हुई ट्राई बॉल अक्सर

क्राइम की ओर हो रही अग्रसर।


इस टाइम की ट्रेफिक में

रोन्ग साइड का योग हुआ

जल्दी जाने की एक फ्रिक में

टाइम की प्रक्रिया में बस अन्त हुआ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics