तरस जाओगी एक दिन तुम
तरस जाओगी एक दिन तुम
आज तड़प रहे हैं तेरे बिन।
संदेशा तेरे पाने को।
एक समय ऐसा भी आएगा।
तुम भी तड़पेगी मुझसे मिलने को।
मै काट तो लेंगे जवानी यूं ही बैठ कर।
तू बहती जा, आवारा पत्थर पर ठंडा सा पानी बन कर।
हम भी बहेंगे संग संग बाहों में बाहें डाल कर।
तुम भी तरस जाएगी पगली, हम कभी न आयेंगे लौट कर।
हम प्यार करेंगे भरी महफ़िल में दुनिया के सामने।
चाहेंगे फूलों को भंवरा बनकर।
हर वक्त रहेंगे उसके साथ, ख़ुशबू में लिपटा रहेंगे।
तुम रह जाओ गि गाल पर हाथ रख कर सोच सोचकर।
हम कहीं दूर चले जायेंगे, रहेंगे सपनों के महल बनाकर।
रखेंगे अपनों के, जो दे दिए अपने दिल को,
नहीं भूलेंगे उन्हीं के याद में।
तुम रो रो कर थक जाओगी, हम ठुकरा देंगे तुमको।
जीयेंगे खुशहाल जिंदगी इश्क की बहारो में।
जुल्फों को सुलझाएंगे बारिश के बूंदे मांगकर।
हम भी रहेंगे उसी मस्ती में, दिन गुजारेंगे हंस कर।
तब याद करोगी पहली मुलाकात की बातें तुम,
न कह पाओगी कुछ कह कर।
