तराशती है जिंदगी
तराशती है जिंदगी
तकलीफ के हद से,
जद्दोजहद से,
तराशती है जिंदगी,
कभी न होता खाने को,
कभी कुछ न होता मुस्कुराने को,
होती है मुफलिसी कभी,
कभी महफिल आती है बुलाने को,
तकलीफ के हद से,
गुजर जाना पड़ता है,
कभी सम्हल जाना पड़ता है,
लोग तो यूं पत्थर फेंकते हैं,
बस गुजर जाना पड़ता है,
तकलीफ के हद से........