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Abha Chauhan

Abstract Romance Tragedy

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Abha Chauhan

Abstract Romance Tragedy

तन्हाई

तन्हाई

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जब जब तुम्हारी आती है मुझे याद

बेचैन हो जाता हूं

देखता हूं तुम्हें इधर-उधर जो

और तन्हा हो जाता है


हे प्रिय तुम्हारे बिना यह जीवन

अधूरा लगता है

अकेलेपन का समुंदर और

गहरा लगता है


अनजाने में मुझसे न जाने

क्या हो गई खता

इतना प्यार करने पर भी

तुम हो गई बेवफा


तुमने तो हाथ मेरा हाथ पकड़ कर

किया था मुझसे वादा

ओ मेरे शहजादे मौत भी ना कर सकेंगी 

मुझको तुमसे जुदा


फिर क्यों तुमने मुझे छोड़कर

मौत को गले लगा लिया

मुझे जिंदगी भर के लिए

तन्हाइयों का तोहफा दिया।   


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