तन्हाई
तन्हाई
जब जब तुम्हारी आती है मुझे याद
बेचैन हो जाता हूं
देखता हूं तुम्हें इधर-उधर जो
और तन्हा हो जाता है
हे प्रिय तुम्हारे बिना यह जीवन
अधूरा लगता है
अकेलेपन का समुंदर और
गहरा लगता है
अनजाने में मुझसे न जाने
क्या हो गई खता
इतना प्यार करने पर भी
तुम हो गई बेवफा
तुमने तो हाथ मेरा हाथ पकड़ कर
किया था मुझसे वादा
ओ मेरे शहजादे मौत भी ना कर सकेंगी
मुझको तुमसे जुदा
फिर क्यों तुमने मुझे छोड़कर
मौत को गले लगा लिया
मुझे जिंदगी भर के लिए
तन्हाइयों का तोहफा दिया।

