तन्हा सर्द रातें
तन्हा सर्द रातें
तन्हा सर्द रातें
और तुम्हारी यादें
कोहरे की धुँध में
लिपटी अंधरे की
चादर
कंपकपाते बदन
गर्म महकती सांसे
उसमे चलती शरद
ठंडी हवाओ की
सरसराहट
आंखों में समायें
कुछ ख्वाब उनमे
छुपी तुम्हारी तस्वीर
तस्वीर में तुमको ढूढती
मेरी नजर
तन्हा सर्द रातें
और तुम्हारी यादें।

