तन्हा दिल
तन्हा दिल
किसी गैर का दिल सजाने को
इस दिल का आशियाना तोड़ दिया
जा बेवफा तेरे सपनों में हमने
अब आना जाना छोड़ दिया,
बदल लिया भँवरे ने बगिया का ठिकाना
फूलों ने मुस्कुराना छोड़ दिया,
खिल जातीं थी जिसे छूने से कलियां
वो मीत पुराना ......छोड़ दिया,
रोशन दुनिया कर गए अंधेरी
अब राह में तेरी दीप जलाना छोड़ दिया,
गाते थे जो .....प्यार का गीत
अब वो राग पुराना छोड़ दिया,
ये दिल था तेरी धुन में मगन
अब वो साज़ पुराना छोड़ दिया,
राह में तनहा छोड़ के जाने वाले
मेरे हालातों पर मुस्काने वाले
तू भी सुन ले.... याद में तेरी
अब अश्क़ बहाना छोड़ दिया
तुझ संग ज़िन्दगी बिताने का
वो ख्वाब सुहाना छोड़ दिया ,
प्यार में धोखा खा कर ये दिल
यूँ इतराना भूल गया
रोता है ........ तन्हाई में
पर दर्द सुनाना छोड़ दिया ,
रूठ रही हैं .....सांसे मेरी
दिल ये धड़कना भूल गया
खुश रहना तू .....मेरे बग़ैर
लो अब मैंने ज़माना छोड़ दिया ।।