तलाश
तलाश
आँखें अब भी उसको तलाशती हैं,
जो सुबह की पहली किरण था मेरा ।
रात सोने से पहले देखती थीं जिसको,
स्याह रातों का जो चाँद था मेरा ।
आँखें अब भी उसको तलाशती हैं,
जो सुबह की पहली किरण था मेरा ।
रात सोने से पहले देखती थीं जिसको,
स्याह रातों का जो चाँद था मेरा ।