शाहीन
शाहीन
ख़ुद से शनासाई रख,
रब का बनाया बेहतरीन किरदार है तू ।
सामने क़द्दावर पहाड़ सही,
पर शाहीन सा ऊँचा मुक़ाम है तू ।
पशेमां ना हो अपनी गलतियों से,
गिर के उठ जा फिर,उरूजे आफ़ताब है तू।
ख़ुद से शनासाई रख,
रब का बनाया बेहतरीन किरदार है तू ।
सामने क़द्दावर पहाड़ सही,
पर शाहीन सा ऊँचा मुक़ाम है तू ।
पशेमां ना हो अपनी गलतियों से,
गिर के उठ जा फिर,उरूजे आफ़ताब है तू।