Ila Upadhyaya
Romance
कुछ हर्फ़ मौजूद हैं तेरे नाम के,मेरे नाम में,
तू मीलों दूर होकर भी समाया है मुझमें।
ज़र्रा ज़र्रा
बेशुमार
अक्स
कश्मकश
आँखें
नाम
सुकून
आसमान
शाहीन
वह मेरा है मेरा ही तो है प्रेम में उनसे अधिकार कैसे मांगू वह मेरा है मेरा ही तो है प्रेम में उनसे अधिकार कैसे मांगू
आपकी बात ऐसे हम समझ न पायेंगे। आपकी बात ऐसे हम समझ न पायेंगे।
हर अदा बेहतरीन है मुझे तुझ पर गुरूर है! हर अदा बेहतरीन है मुझे तुझ पर गुरूर है!
मुझे उसका इंतजार है, हां, मुझे उसका इंतजार है। मुझे उसका इंतजार है, हां, मुझे उसका इंतजार है।
न जाने क्या हो जाता है मुझे जब वह सामने आता है न जाने क्या हो जाता है मुझे जब वह सामने आता है
यूं तो भा जाते है आँखों को, चेहरे कई सारे अक्सर आँखें देख भूल जाती, दिल नहीं लगता है यूं तो भा जाते है आँखों को, चेहरे कई सारे अक्सर आँखें देख भूल जाती, दिल नहीं ...
वो तो निर्जन वन में खिलता सुंदर पुष्प है वो तो निर्जन वन में खिलता सुंदर पुष्प है
जब भी लिखती हूं तुम्हें महसूस करती हूं! जब भी लिखती हूं तुम्हें महसूस करती हूं!
क्या प्रेम और क्या आजादी है, साथ तुम यार हो, बस यही काफी है।। क्या प्रेम और क्या आजादी है, साथ तुम यार हो, बस यही काफी है।।
चांद की रोशनी में हम एक दूजे के साथ, पगड्डियों पे चलते थे! चांद की रोशनी में हम एक दूजे के साथ, पगड्डियों पे चलते थे!
वो तेरा छिपकर पीछे से आना अपने होने का अहसास दिलाना। वो तेरा छिपकर पीछे से आना अपने होने का अहसास दिलाना।
खिलखिला उठता है इश्क मेरा, लबों पे जो उनके मुस्कान आ जाये। खिलखिला उठता है इश्क मेरा, लबों पे जो उनके मुस्कान आ जाये।
लेकिन कोई नहीं बदले थोड़े से तुम हो, थोड़े बदले हम भी हैं। लेकिन कोई नहीं बदले थोड़े से तुम हो, थोड़े बदले हम भी हैं।
जिसके हर मुस्कान की वजह तुम हो हां सिर्फ तुम ही हो... जिसके हर मुस्कान की वजह तुम हो हां सिर्फ तुम ही हो...
तेरी बाँहों में बीता हर एक लम्हा खूबसूरत है। तेरी बाँहों में बीता हर एक लम्हा खूबसूरत है।
कोई सच्चा नहीं, कोई अच्छा नहीं प्यार की राह मे, कोई कच्चा नहीं । कोई सच्चा नहीं, कोई अच्छा नहीं प्यार की राह मे, कोई कच्चा नहीं ।
तुम हर रोज़ किसी न किसी बहाने... नाराज़ हो चले जाते...बालकनी में तुम हर रोज़ किसी न किसी बहाने... नाराज़ हो चले जाते...बालकनी में
तुझे पा कर, मैं मुझसे मिलना चाहता हूं। तुझे पा कर, मैं मुझसे मिलना चाहता हूं।
नियति का अहर्निश एक ही अक्ष पर घूर्णन करेगा नियति का अहर्निश एक ही अक्ष पर घूर्णन करेगा
"जब-जब तेरे शहर मे आता हूँ.. फ़ितरत से और जवान हो जाता हूँ.. "जब-जब तेरे शहर मे आता हूँ.. फ़ितरत से और जवान हो जाता हूँ..