Dinesh Uniyal
Fantasy Children
बन के तितली उडूं जहां में
इधर-उधर मंडराऊं
फूलों का रस लेकर अपनी
सारी प्यास बुझाऊं
रंग अनोखा देख कर अपना
मन ही मन इतराऊं
बच्चों के संग खेल खेल के
बहुत खुश हो जाऊँ
प्रकृति से प्यार करूँ मैं
इसमें ही खो जाऊँ
किस्मत
सपना
कोरोना एक वैं...
तितली
गमे जिंदगी
खिलौना
वक्त रहते दूर हो जाऊंगी तुझसे राधा ना सही मीरा सी खुद को दीवानी बना लूंगी वक्त रहते दूर हो जाऊंगी तुझसे राधा ना सही मीरा सी खुद को दीवानी बना लूंगी
मेरे तो श्याम तुम ही हो, मेरे भगवान तुम ही हो अब तुम ही रहते हो दिल में कही....... मेरे तो श्याम तुम ही हो, मेरे भगवान तुम ही हो अब तुम ही रहते हो दिल में कही.....
तू इस नये दौर को संस्कार कहता है। तू इस नये दौर को संस्कार कहता है।
उनकी कुटिलता का आप कर सकते समूल विच्छेद। उनकी कुटिलता का आप कर सकते समूल विच्छेद।
वे क़फ़न सर पर पहने की, अब मरना या मारना है इस देश को बचाना है वे क़फ़न सर पर पहने की, अब मरना या मारना है इस देश को बचाना है
हिंदी हमारी अमृतवाणी का शुभ वरदान है। हिंदी हमारी अमृतवाणी का शुभ वरदान है।
मां तेरी याद में अपने ही तेरी छवि पाती हूँ ! मां तेरी याद में अपने ही तेरी छवि पाती हूँ !
पार्टनर बदल बदल के हवस का खुलेआम प्रदर्शन हो रहा है। पार्टनर बदल बदल के हवस का खुलेआम प्रदर्शन हो रहा है।
तू है तो तू है तो
जय, जय, जय मां जगदम्ब भवानी। मां अम्बे तू ही है जगत महारानी। जय, जय, जय मां जगदम्ब भवानी। मां अम्बे तू ही है जगत महारानी।
अनमोल है वो लोग जिनसे मैंने गलत और सही होने का फर्क जाना...! अनमोल है वो लोग जिनसे मैंने गलत और सही होने का फर्क जाना...!
परिवेश और वातावरण स्थान हैं हम यात्रा से गुजरते हैं। परिवेश और वातावरण स्थान हैं हम यात्रा से गुजरते हैं।
बताइए मुझे ये क्या चीज है जो इंसान को नहीं दिया बताइए मुझे ये क्या चीज है जो इंसान को नहीं दिया
पोंछने अब कोई आता नहीं समय रहते वो भी सुख जाते हैं! पोंछने अब कोई आता नहीं समय रहते वो भी सुख जाते हैं!
समाज में व्यक्ति मधुर वाणी रहे कहता। वहां अकारण उत्सव का माहौल रहता। समाज में व्यक्ति मधुर वाणी रहे कहता। वहां अकारण उत्सव का माहौल रहता।
मैं पूछता हूं जो तुम हंस रही हो यही हंसी एक सवाल पैदा कर रही है। मैं पूछता हूं जो तुम हंस रही हो यही हंसी एक सवाल पैदा कर रही है।
जब इश्क होता है किसी से खुद को भी इसमे लुटा देती है। जब इश्क होता है किसी से खुद को भी इसमे लुटा देती है।
यह दो घड़ी जीवन का पूरे जीवन को महका दे यह दो घड़ी जीवन का पूरे जीवन को महका दे
पहले दिन का ढलना, शाम का होना और उसका दीदार होना, पहले दिन का ढलना, शाम का होना और उसका दीदार होना,
भूलना जाना, तुम मोहना, हम तो तुम्हारे, बस यही कहना....... भूलना जाना, तुम मोहना, हम तो तुम्हारे, बस यही कहना.......