Rishabh Tomar
Classics
श्वेत रंग में प्यार और सम्मान भरा है
हरे रंग खुशहाली का गुलदान भरा है।
लाखों हुये स्वाह और लाखों तत्पर है
केशरिया में वीरों का बलिदान भरा है।
मेरे राम अब भ...
जूही का फूल
कोई भी नही अप...
तुम्हारा चंदर
धरती दिल की ...
जय जय भोले जय...
जनवरी औऱ तुम
मेरी राधिका
मौत तेरी बाहो...
रूह का तुम हो...
दो गज दुरी मास्क सदा लगा कर रखो हंसी खुशी नववर्ष का मजा चखो। दो गज दुरी मास्क सदा लगा कर रखो हंसी खुशी नववर्ष का मजा चखो।
हाँ ! हर वक्त मेरे होने का एहसास दिलाती है उनकी बातें।। हाँ ! हर वक्त मेरे होने का एहसास दिलाती है उनकी बातें।।
अरमानों की अर्थी सज़ी थी ना जाने ये मेहंदी कौनसा रंग लाई थी... अरमानों की अर्थी सज़ी थी ना जाने ये मेहंदी कौनसा रंग लाई थी...
शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ? शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ?
जीने का सलीका नहीं आ रहा बस जी रही हूं सांसें चल रही हैं। जीने का सलीका नहीं आ रहा बस जी रही हूं सांसें चल रही हैं।
अब खत्म हो रहा2021 साल आ रहा 2022का ये मन भावन नया साल।अब खत्म हो रहा2021 साल आ रहा 2 अब खत्म हो रहा2021 साल आ रहा 2022का ये मन भावन नया साल।अब खत्म हो रहा2021 साल...
अपनी सारे तजुर्बे को जोड़ा करो उम्र भी क्या है ? दिल नातोड़ो। अपनी सारे तजुर्बे को जोड़ा करो उम्र भी क्या है ? दिल नातोड़ो।
कोरोना की आइस पाई स वेलकम 2 हज़ार बाइस। कोरोना की आइस पाई स वेलकम 2 हज़ार बाइस।
ज़िन्दगी ने तुम्हारे मुताबिक नहीं तुमने उसके मुताबिक चलना है। ज़िन्दगी ने तुम्हारे मुताबिक नहीं तुमने उसके मुताबिक चलना है।
यही तो मानव मन की कल्पना है जो उसको खुशी से भर देती है। यही तो मानव मन की कल्पना है जो उसको खुशी से भर देती है।
प्रतिपदा शुक्ल पक्ष की तिथि को, आता है ये प्यारा सा शुभ दिन। प्रतिपदा शुक्ल पक्ष की तिथि को, आता है ये प्यारा सा शुभ दिन।
होके तब हर रूप से जुदा सिर्फ़ इबादतगुजा़र नजर आते हो। होके तब हर रूप से जुदा सिर्फ़ इबादतगुजा़र नजर आते हो।
है नहीं पता क्या है इस जहां में मेरे लिए, जो भी होगा अच्छा होगा मेरे लिए।। है नहीं पता क्या है इस जहां में मेरे लिए, जो भी होगा अच्छा होगा मेरे लिए।।
दीवानगी का आलम, कैसी यादें क्या बताएं। नश्तर चुभो -चुभो के, हमदम बुला रही हैं।। दीवानगी का आलम, कैसी यादें क्या बताएं। नश्तर चुभो -चुभो के, हमदम बुला र...
मैं झुकता नहीं, मैं रुकता नहीं, निश्चय कर जब भी निकला कहीं। मैं झुकता नहीं, मैं रुकता नहीं, निश्चय कर जब भी निकला कहीं।
नववर्ष दस्तक देता संवर सम्मुख आज खड़ा है।। नववर्ष दस्तक देता संवर सम्मुख आज खड़ा है।।
फिज़ाओं में मेरे ये गूंजे तराने, सरगम बनो साज तेरा बनूं मैं।। फिज़ाओं में मेरे ये गूंजे तराने, सरगम बनो साज तेरा बनूं मैं।।
कही मायूस होकर न बीत जाए मेरा ये जन्म। ज़िम्मेदारियों का बोझ से रुकने लगे क़दम। कही मायूस होकर न बीत जाए मेरा ये जन्म। ज़िम्मेदारियों का बोझ से रुकने लगे क़दम।
जनवरी की कली को खिलाने दिसंबर अस्त हो रहा है। इक्कीस सदी को बाइसवां साल लग रहा है। जनवरी की कली को खिलाने दिसंबर अस्त हो रहा है। इक्कीस सदी को बाइसवां साल लग ...
जो अपने होकर भी न पढ़ सके इस खामोशी को बोलने से अच्छा है अपना ले इस खामोशी को। जो अपने होकर भी न पढ़ सके इस खामोशी को बोलने से अच्छा है अपना ले इस खामोशी को...