Rishabh Tomar
Classics
श्वेत रंग में प्यार और सम्मान भरा है
हरे रंग खुशहाली का गुलदान भरा है।
लाखों हुये स्वाह और लाखों तत्पर है
केशरिया में वीरों का बलिदान भरा है।
मेरे राम अब भ...
जूही का फूल
कोई भी नही अप...
तुम्हारा चंदर
धरती दिल की ...
जय जय भोले जय...
जनवरी औऱ तुम
मेरी राधिका
मौत तेरी बाहो...
रूह का तुम हो...
तुम मिटा सकते हो मुझे संवार नहीं सकते, तुम नज़र लगा सकते हो नज़र उतार नहीं सकते। तुम मिटा सकते हो मुझे संवार नहीं सकते, तुम नज़र लगा सकते हो नज़र उतार नहीं सकते...
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उपदेश प्राप्त कर पयोव्रत का । श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उपदेश प्राप्त कर पयोव्रत का ।
तपस्विओं और योगियों को अक्षम ऐश्वर्य प्राप्त जो आप ऐसा कर दीजिये कि वैसा मुझे भी प्र तपस्विओं और योगियों को अक्षम ऐश्वर्य प्राप्त जो आप ऐसा कर दीजिये कि वैस...
जब आकाश में श्री हरि को देखा गरुड़ पर आरूढ़, हाथ में चक्र लिए। जब आकाश में श्री हरि को देखा गरुड़ पर आरूढ़, हाथ में चक्र लिए।
ब्राह्मण के प्रति भक्ति, अनुग्रह और प्रजा की रक्षा, लक्षण क्षत्रिय के । ब्राह्मण के प्रति भक्ति, अनुग्रह और प्रजा की रक्षा, लक्षण क्षत्रिय के ।
स्थान तुम्हारी अभिमन्यु कोई महारथी लड़ सकता है। स्थान तुम्हारी अभिमन्यु कोई महारथी लड़ सकता है।
माँग-पूर्ति की खाई पाटे, मिल जुल करते कारोबार। जो भी इनके द्वारे आता, पाता यथा योग्य स माँग-पूर्ति की खाई पाटे, मिल जुल करते कारोबार। जो भी इनके द्वारे आता, पाता यथा ...
सब सुफल मनोरथ काम वहाँ, शिव ब्रह्मा,विष्णु धाम वहाँ, मैं शिव के शरण में रहती थी! सब सुफल मनोरथ काम वहाँ, शिव ब्रह्मा,विष्णु धाम वहाँ, मैं शिव के शरण में रह...
शायद कलयुग का हो उद्धार डूबते युग समाज मे मानवता का हो कुछ कल्याण। शायद कलयुग का हो उद्धार डूबते युग समाज मे मानवता का हो कुछ कल्याण।
यह जान आश्चर्य हो रहा पिता मारना चाहे पुत्र को ऐसा क्या किया था उन्होंने कृपाकर ब यह जान आश्चर्य हो रहा पिता मारना चाहे पुत्र को ऐसा क्या किया था उन्होंने...
फिर भी बात मेरी समझ में ना आई गलती कहां मैं कर गई। फिर भी बात मेरी समझ में ना आई गलती कहां मैं कर गई।
हे वाकपटु! हे मौनव्रती, ! हे प्रखर राष्ट्रवादी नायक! युग युग तक होगा ऋणी राष्ट्र , हे वाकपटु! हे मौनव्रती, ! हे प्रखर राष्ट्रवादी नायक! युग युग तक होगा ऋणी राष...
आपके चरणों की रज माँगूँ नहीं चाहता कि मोक्ष पाऊं। आपके चरणों की रज माँगूँ नहीं चाहता कि मोक्ष पाऊं।
परीक्षित से शुकदेव जी कहें राम विराजें किम्पुरुष वर्ष में ! परीक्षित से शुकदेव जी कहें राम विराजें किम्पुरुष वर्ष में !
सर पर ताज हिमालय तो पग धोता हिन्द का सागर है। सर पर ताज हिमालय तो पग धोता हिन्द का सागर है।
वही प्रभु सभी के आश्रय हैं शरण उनकी ग्रहण करता मैं। वही प्रभु सभी के आश्रय हैं शरण उनकी ग्रहण करता मैं।
धर्मपुत्र भद्रश्रवा, भद्रशवा वर्ष में स्तुति करें भगवान वासुदेव की! धर्मपुत्र भद्रश्रवा, भद्रशवा वर्ष में स्तुति करें भगवान वासुदेव की!
चौथे मनु का नाम था तापस वो तीसरे मनु उत्तम के भाई थे चौथे मनु का नाम था तापस वो तीसरे मनु उत्तम के भाई थे
करके तांडव नृत्य, प्रलय जग की शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते। करके तांडव नृत्य, प्रलय जग की शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते।
इस होली सकुशल परिवर्तन लाओ रे। इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे। इस होली सकुशल परिवर्तन लाओ रे। इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।