मिली साहा

Romance

4.8  

मिली साहा

Romance

थाम लो हाथ मेरा

थाम लो हाथ मेरा

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थाम लो हाथ मेरा

कि तुम ही हो ख़्वाब मेरा

तुम बिन ये ज़िंदगी बस तन्हाई है

मेरी दुनिया तो तुझमें ही समाई है।


तेरी बांहों का घेरा

है मेरी सांझ है मेरा सवेरा

ये मुस्कान तेरे इश्क़ की गहराई है

तुझ बिन ये खुशियां लगे परायी है।


तेरे कदमों का साथ

लगे जैसे सावन की बरसात

तुझ में ही तो मंज़िल अपनी मैंने पाई है

मेरी सांसों में चले तेरे इश्क़ की पुरवाई है।


हुए जो तुम मेरे हमसफ़र

आसान हुआ ज़िंदगी का सफ़र

ग़मों की आवाज़ अब देती नहीं सुनाई है

तूमने भी तो हर कसम अपनी निभाईं है।


यूं ही थामें रखना हाथ

जीवन का हर रंग बस तेरे साथ

तुम बिन ये ज़िन्दगी बस तन्हाई है

मेरी दुनिया तो तुझमें ही समाई है।


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