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Ravinder Raghav

Romance Tragedy Fantasy

4  

Ravinder Raghav

Romance Tragedy Fantasy

तेरी याद में

तेरी याद में

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रात रोया बेहिसाब तेरी याद में

फिर भी तुम ना आए मेरे ख़्वाब में


खाएं ज़ख्म बेहिसाब तेरी तरफदारी में

फिर भी नहीं ऐतबार तुम्हें हमारी वफ़ा-दारी में


माना कि तेरे पहचान वाले बेहिसाब है दुनिया में

मेरी भी पहचान कर ले, अपने पहचानने वालों में


कहते हैं लोग खामियां बेहिसाब है हम में

फिर भी नहीं है दगे-बाज़ीया हम में


निकले लहूं बेहिसाब चाहें हमारे जिस्म से

फिर भी नहीं जाएगा तेरा ख़्याल हमारे दिल से।


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